राधा घर,कानन मे राधा,राधा नित यमुना के तीर !
राधा मोद,प्रमोद राधिका,राधा बहै नयन बन नीर!!
राधा प्राण, बुद्धि- मन राधा, राधा नयनोंकी तारा !
राधा तन-इन्द्रियमें, राधा प्रेमानन्द-सुधा- धारा !!
राधा मन है, राधा धन है, नाम-धाम सब है राधा !
राधा भजन, ध्यान राधा ही, जप-तप-यजन सभी राधा !!
राधा जगते, सोते राधा, खान-पानमें है राधा !
राधा उठने और बेठनेमें भी, हँसनेमें राधा !!
राधा नव बसन्त-मलयानिल,राधा हरै सभी बाधा !
राधा सदा स्वामिनी मेरी,परमाराध्या है राधा।।